Tuesday 11 April 2017

mohabbat shayari dil se dil dak, uski nazaro ko bas!


mohabbat shayari dil se dil dak, uski nazaro ko bas!
उसकी नज़रो को बस मेरा इंतज़ार था,
उसकी धड़कनों को बस मुझपर एतबार था,
उसकी साँसों को मेरी खुशबु का एहसास था,
उसकी हर दुआ में मुझे अपना बनाने का विश्वास था। 

न जाने मेरी वो मोहब्बत कहाँ खो गयी है,
न जाने क्यों वो मुझसे जुड़ा हो गयी है,
वो बेवफा तो नहीं -
फिर भी न जाने क्यों मुझसे दूर हो गयी है। 

आज भी उसकी जुदाई का दर्द पी रहा हूँ मैं,
आज भी उसे पाने की  जी रहा हूँ मैं,
मेरी किस्मत में उसका साथ नहीं है -
फिर भी हर दुआ में खुदा से उसे मांग रहा हूँ मैं। 

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